शंकराचार्य से जब किसी ने परिचय पूछा तो उन्होंने कह दिया "शिवोऽहम्", आगे जोड दिया "तत्वमसि", फिर परिचय देने का स्कोप ही खत्म। फिर भी नामचिह्नप्रयोजनार्थ बता दूँ कि रोजी रोटी के लिए एक सरकारी उपक्रम के मार्केटिंग विभाग में कार्यरत हूँ।
उत्तर प्रदेश के मऊ जनपद का मूल निवासी। पढ़ाई पदार्थ विज्ञान और धात्विक अभियांत्रिकी से की थी। नौकरी लुहार बनने की मिली और फिलहाल काम ठठेरे का कर रहा हूँ। अब यहाँ किसी हेतुविशेष के लिए नहीं बस स्वान्तासुखाय लिखूंगा
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