Tuesday, November 28, 2006
बहुत दिनों से हिन्दी ब्लॉग लिखने की इच्छा थी। लेकिन पता नहीं था कि शुरुआत कैसे करुं, आज ऐसे ही नेट पर घूमते घुमते मैं सर्वज्ञ की साइट पर जा पहुंचा। कुछ लोगों को हिन्दी के लिये काम करते हुए देखकर अच्छा लगा। अक्सर लोग हिन्दी को कम्प्यूटर के लिये उपयुक्त नहीं मानते, लेकिन कई अन्य भाषाओं का, जो रोमन लिपि में नहीं लिखी जातीं, प्रयोग प्रचलन मे है। मंदारिन और जापानीज लिपि अपेक्षाक्रित अधिक क्लिष्ट हैं, पर हिन्दी की अपेक्षा ज्यादा प्रचलित है। चालीस करोड लोगों की मातृभाषा होते हुए भी हिन्दी का पिछडापन दयनीय है।
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